ना तुमने आवाज़ दी ना मैंने मुड़ के देखा ख़ामोशी चलती रही दरम्यां.
पाना है मुक्काम ओ मुक्काम अभी बाकी है अभी तो जमीन पै आये है असमान की उडान बाकी है.
गुस्सा इतना है कि तुमसे कभी बात भी ना करूँ फिर भी दिल में तेरी फिक्र खुद से ज्यादा है.
ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाईकी, बड़े खुश नसीब हैँ, वो लोग जो मोहब्बत नहीँ करत.
मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी, इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा.
नखरे तो सिर्फ मम्मी पापा उठाते है, दुनिया वाले तो बस ऊँगली उठाते है.
हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास रचते हैं !समझदार तो केवल इतिहास पढ़ते हैं.
क्रोध के कारण की तुलना में उसके परिणाम कितने गंभीर होते हैं.
कमियाँ तो बहुत है मुझमे, पर कोई निकाल कर तो देखे.
भीङ में खङा होना मकसद नहीं हैं मेरा, बलकि भीङ जिसके लिए खडी है वो बनना है मुझे.
हर बार जब आप क्रोधित होते हैं, तब आप अपनी ही प्रणाली में ज़हर घोलते हैं.
ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाईकी, बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग जो मोहब्बत नहीँ करत.
ये भी अच्छा है कि ये सिर्फ़ सुनता है, दिल अगर बोलता तो क़यामत हो जाती.
मुझे जिंदगी का तजूर्बा तो नहीं पर इतना मालूम है छोटा इंसान बडे मौके पर काम आ सकता है.
जरुरत है कुछ नए नफरत करने वालो की पुराने वाले चाहने लगे है मुझे.
जिंदगी खर्च कर दी तुझे पाने की चाहत मे इससे बडी कीमत क्या होती तेरे प्यार की.