चाहे लाख करो तुम पूजा और तीर्थ करो हजार अगर माँ बाप को ठुकराया तो सब ही है बेकार.
प्यार की बात भले ही करता हो जमाना मगर प्यार आज भी माँ से शुरू होता हैं.
माँ की ममता और पिता की क्षमता का अंदाजा लगाना भी संभव नही है.
कुछ लोगों का प्यार कभी नहीं कम होता और इस दुनिया में उन्हें माता पिता कहा जाता हैं.
अपने बच्चों के लिए सारी दुनिया जितने वाले माता पिता अपने बच्चों से हार जाते हैं.
जिस घर में माता पिता दोनों होते हैं उस घर को स्वर्ग कहते हैं.
गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज भी.
माँ हमारी पहली टीचर होती है और दोस्त भी.
माँ के आँचल में वक़्त भी ठहर जाता है.
कोई कहता है अच्छे कर्म करोगे तो मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा मैं कहता हूँ माँ बाप की सेवाकरोगे तो जीते जी स्वर्ग मिलेगा.
किसी का दिल तोडना आज तक नही आया मुझे प्यार करना जो अपनी माँ से सीखा है मेने.
मुझे किसी और जन्नत का नहीं पता क्योंकि हम माँ के कदमों को ही जन्नत कहते हैं.
घर जाते ही सबसे पहले सवाल माँ किधर हो चाहे माँ से कोई काम हो या न हो देख कर माँ का चेहरा दिल को सुकून और मन को ठंडक मिलती है.
अपने माता पिता को आज मैं क्या उपहार दूँ तोहफे दूँ फूलों के या गुलाबो का हार दूँ मेरी जिंदगी में जो है सबसे प्यारा उस पर तो मैं अपनी जिंदगी ही वार दूँ.
मंजिल दूर और सफ़र बहुत हैं छोटी सी ज़िन्दगी कि फिकर बहुत हैं मार डालती ये दुनिया कब की हमें लेकिन माँ की दुआओं में असर बहुत हैं.
जब भी अपनी ताकत पर गुरुर हो एक फेरा वृद्धा आश्रम का लगा लेना और जब भी आपका सिर श्रद्धा से झुका हो अपने माता पिता के पैर जरूर दबा देना.