ग़रीब के क़र्ज़ जैसा है ये राजपुताना इश्क़ भी एक बार सिर चढ़ जाए तो उतरता ही नहीं.
जी भर गया है तो बता दो हमें इनकार पसंद है इंतजार नहीं.
शेर को जगाना और हमें सुलाना किसी के बस बात नहीं क्यूंकि हम वहां खड़े होते है जहाँ Matter बड़े होते हैं राजपूत.
इतिहास गवाह है कि नेताओं की कुर्सी जनता ने बनाई मगर राजपूतों की राजगद्दी उनकी वीरता ने बनाई.
हम पैदा ही उस कुल में हुए है जिनका ना तो खून कमजोर है और ना ही दिल राजपूत.
इन आँखों में रौब है राजपुताना का आदत नहीं किसी के आगे सर झुकाने की राजपूत.
जिस शहर में तुम्हें मकान कम और शमशान ज्यादा मिलें समझ लेना वहां किसी ने राजपूत से आँख मिलाने की जुर्रत की है.
तमंचा तो सिर्फ शौक के लिए है खौफ के लिए तो नाम ही काफी है.
ना चाँद की चाहत ना तारों की फरमाईश हर जन्म राजपूत धर्म ही मिले बस यही मेरी ख्वाईश.
कहानियां तो छोटे मोटे राजा लोगों की लिखी जाती है हम तो राजपूत है हमारा तो इतिहास लिखा जाएगा.
यू ही यह उबाल नहीं तेज भौम की स्तुति का नशे सारे किए मगर नशा अलग है राजपूताने का.
इस तरह ना देख पगली आंखों में बस जाऊंगा राजपूत हूं रगों में उतर जाऊंगा.
हर तलवार पे राजपूतों की कहानी है तभी तो ये दुनिया राजपूतों की दीवानी है.
हम तो दुश्मनी भी दुश्मन की औकात देख कर करते हैं बच्चों को छोड़ देते है और बड़ों को तोड़ देते हैं राजपुताना.
जमाने ने राजपूतो के उसूल तो बदल दिये पर रगों मे खून आज भी वो ही है.
डरते तो हम किसि के बापसे भी नही बस साला ये Respect नाम की चीज बीचमें आती है.